Shiv chaisa Secrets
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
वेद shiv chalisa lyricsl माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि more info मोहे॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥